Sabtu, 08 Juni 2013

Angoor (1982) [DVDrip- 585 MB] Direct Download Link

Download classic Hindi comedy movie 'Angoor' for free...


नमस्कार पाठकों,


    पूरे 4 वर्षों के पश्चात मैं इस बार दिवाली मनाने अपनी माता जी के पास जा रहा हूँ॰ सच में पढ़ाई तो एक तरफ पर जब दिवाली के समय मैं घर नहीं जाता था तो मुझे बहुत ही खराब महसूस होता था॰ इधर मैं घर ना जा पाने के दुख के कारण दिवाली नहीं मनाता था, और वहाँ मेरी माँ ये सोच सोच कर कि पता नहीं उनका बेटा कैसा है और त्योहार माना भी रहा है कि नहीं हमेशा कोई भी त्योहार सही से नहीं मनाती थीं॰ हालांकि इस बार भी घर जाने का कुछ सही समझ नहीं आ रहा था कि मुझे अवकाश मिलेगा भी नहीं और जब सोचा कि हाँ अब जाना ही है तो ये परेशानी सामने बड़ा सा मुंह खोल के खड़ी हो गयी कि पता नहीं ट्रेन का टिकिट मिलेगा भी या नहीं (और विश्वास कीजिये दिवाली के टाइम ट्रेन के जनरल डिब्बे कि तो बात छोड़िए स्लीपर कोच [अगर कनफर्म टिकिट ना हो] में भी सफर करने मे हमें अपने पूर्वजों कि याद आ जाती है)॰ परंतु धन्यवाद भारतीय रेलवे का कि उन्होने दिल्ली से इलाहाबाद के बीच कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया और मुझे भी भाग्य से एक कनफर्म टिकिट मिल ही गया॰ तो अब बस घर जाने कि तैयारियां चल रही है॰ लेकिन जाते जाते सोचा कि आप सब को इस दिवाली का तोहफा तो देते जाऊँ॰
       तो इस बार मैं आप सब के लिए ले के आया हूँ एक और बेहतरीन हास्य फिल्म जिसका नाम है अंगूर॰ (और कृपा करके इसे हमारे प्रिय कान्ति शाह जी कि अंगूर ना समझिएगा)॰ इस फिल्म जो कि 1982 में प्रदर्शित हुई थी को निर्देशित किया है गुलज़ार साहब ने और इसमे अभिनय किया है संजीव कुमार,देवेन वर्मा, मौसमी चटर्जी और दीप्ति नवल जैसे कलाकारों ने॰
      एक समय मुझे वो फिल्में देखने का चस्का चढ़ा कि मैं उन फिल्मों के पीछे लग गया जो कि किसी कहानी, उपन्यास या नाटक के ऊपर बनाई गईं थीं और इस सफर में मैं अनेकों फिल्में देख डालीं,उसी समय मुझे इस फिल्म के बारे में भी पता चला जो कि शेक्सपियर के नाटक ‘Comedy of Errors’ पे आधारित है और मैं इसे किसी फिल्म के खूनी दरिंदे की तरह ढूंढने लगा और जैसे वो खूनी अपने शिकार को किसी न किसी तरह मार ही देता है उसी तरह मैं भी आखिरकार 1 वर्ष की अथक मेहनत के पश्चात इस फिल्म को पाने में सफल हो गया (सच मानिए 'सत्यकाम' और 'दो बदन' के बाद ये मुझे सब से जादा दिनों तक इंतज़ार कराने वाली फिल्म है) और एक झटके में पूरी फिल्म देख गया (हालांकि अगले दिन मेरा 12वीं कक्षा का भौतिक विज्ञान का इम्तेहान था, माँ अगर मेरे अंक उस विषय में कुछ कम थे तो उसमे 'अंगूर' का भी हाथ है ) और सच मानिए देखने के पश्चात मुझे 1 वर्ष का इंतज़ार निरर्थक नहीं लगा और मैंने इस फिल्म का पूरा आनंद उठाया॰
    अब बात करते हैं इस फिल्म की॰ गुलज़ार साहब ने एक कसा हुआ निर्देशन किया है॰ किसी फिल्म की सफलता में जितना हाथ उसकी कहानी, निर्देशन और एडिटिंग का होता है मेरी नज़र में उतना ही हाथ उसके पात्रों को अदा करने के लिए सही कलाकारो के चुनाव का भी होता है॰ यहाँ पे गुलज़ार जी ने बहुत ही अच्छे कलाकारों का चुनाव किया है॰ संजीव कुमार जिनकी हास्य अदाकारी की एक झलक हम इससे पहले मेरे द्वारा अपलोड की गयी 'छबीली' में भी देख चुके हैं के बारे में कुछ कहना अतिशयोक्ति ही होगी॰ देवेन वर्मा की कामिक टाइमिंग से तो आप सब वाकिफ ही होंगे (अगर नहीं तो कृपा करके अपना फिल्म ज्ञान थोड़ा बढ़ाइए और इनकी कुछ फिल्में देख ही जाइए)॰ मौसमी चटर्जी ने भी अपना काम बखूबी निभाया है तो दीप्ति नवल ने भी हास्य फिल्में करने में काफी महारत हासिल की हुई है ( आप रंग बिरंगी, चश्मे बद्दूर तो देख ही चुके होंगे? और अगर नहीं तो कुछ दिन का इंतज़ार करें मैं उन फिल्मों को भी यहाँ उपलब्ध कराऊंगा)॰ इन सब के अलावा सहायक भूमिकाओं में अरुणा ईरानी, पद्मा चवान, उत्पल दत्त इत्यादि ने भी अपने अपने पात्र बखूबी निभाए हैं॰ फिल्म का संगीत दिया है राहुल देव बर्मन जी ने और हालांकि इस फिल्म में गीतों की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी लेकिन फिर भी गुलज़ार साहब ने उनका बखूबी प्रयोग किया है॰
आशा करता हूँ आपको ये फिल्म भी पसंद आएगी॰

PLOT


अशोक आर॰ तिलक (संजीव कुमार) डिंकापुर नामक नामक स्थान पे अपनी विधवा माँ और नौकर बहादुर (देवेन वर्मा) के साथ रहता है॰ एक दिन वो अंगूर खरीदने के लिए अपने नौकर के साथ दूसरे शहर जाता है॰ अब हालांकि वो उस जगह में पहली बार आया है परंतु ये देख के चौंकता है की वहाँ का हर इंसान चाहे वो टैक्सी चालक हो या पुलिस इंस्पेक्टर उसे और बहादुर को जानता और पहचानता है॰ अशोक की मुश्किलें तक और बढ़ जाती हैं जब वो एक औरत से मिलता है जो अपने को उसकी पत्नी बताती है, यही नहीं उसकी एक साली भी है, और तो और उसे अल्का नामक अपनी प्रेमिका (क्या इसके लिए कुछ और शब्द बोल सकते हैं? शायद 'उपपत्नी') भी मिलती है॰ ये परेशानियाँ सिर्फ अशोक तक ही सीमित नहीं रहतीं और बहादुर भी परेशानी मे पड़ता है जब वो भी अपनी पत्नी (अरुणा ईरानी) जिससे वो अंजान है से मिलता है, और यही नहीं वो अचानक देखता है की उसका अचानक उसका मालिक गुस्सैल और हिंसक भी हो गया है॰
क्या हुआ? क्या आप भी अपने बाल नोचने लगे की आखिर ये इन दोनों बेचारों के साथ क्या हो रहा है? तो मैं बता दूँ की ये उनके साथ उनके हमशकलों के कारण जिनसे वो अंजान हैं हो रहा है॰ आगे क्या होता है? इनके सफर में आगे और क्या क्या परेशानियाँ आएंगी जो की आप सब को हसने पे मजबूर कर देंगी? उन्हे जानने के लिए देखिये ये बेहतरीन फिल्म॰


MOVIE DETAILS
Movie name- Angoor
Release year- 1982
Director- Gulzar
Cast- Sanjeev Kumar, Mausami chatarjee, Deven Verma, Dipti Naval etc.
IMDB Rating- 8/10


-:Free Download Link:-

(Total size- 584 MB)
(No. of parts- 4)
(Hosting site- mediafire)


If you like this post then please share your thoughts and comments with me. You can also send your suggestions and requests at request.akfunworld@gmail.com


Disclaimer- I have no intention to hurt the business of original video copyright holders (i.e; Video Palace) and i am only uploading this movie here to increase the popularity of Indian cinema all over the world. If you all like this movie then please buy original VCD/DVD to enjoy the best quality.


And Finally... 'Happy Dipawali'. May this festival of light brings you all more prosperity and happiness in your life.         

    
 




View the Original article

Tidak ada komentar:

Posting Komentar